बीरबल के घर चोरी | The Robbery at Birbal’s House | Akbar Birbal Ki Kahani

बीरबल के घर चोरी। एक आलस भरे दिन बीरबल अपने आंगन में खटिया पर सुस्त हो लेटे थे। जैसे ही उनकी आँख लगने वाली थी कि अचानक उनकी पत्नी उर्वशी वहाँ आ गई। अरे ये क्या अब तक आपने खेत में पानी नहीं डाला। मैंने आपसे कहा था ना कि आज यह कार्य किसी भी हाल में हो जाना चाहिए। वो दरअसल। वो वो कुछ नहीं। कल सवेरे अगर मुझे खेत सूखी मिली तो मैं चली अपने मायके। अरे वाह! मेरा मतलब है क्या? ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं। मैं मायके बस अपनी माँ को लेने जाऊँगी। और फिर वो रहेगी हमारे साथ हमेशा हमेशा के लिए। अरे बाप रे! अब तो तुम बिलकुल चिंता मत करो। कल सवेरे तुम्हें खेत नहाया धोया हुआ मिल जाएगा। अब तो यह काम करना ही पड़ेगा। फिर क्या, सास के आने के डर से बीरबल तुरंत खटिया से उठे और उन्होंने कुएं से पानी निकालने के लिए उसकी तरफ प्रस्थान किया और तभी वहां आ पहुंचे दो सिपाही। 

अरे तुम दोनों यहां कैसे? बीरबल जल्दी चलिए। बादशाह ने आपको तुरंत महल बुलाया है इस वक्त। क्या मैं जरा बाद में नहीं आ सकता? दरअसल, कल सवेरे तक अगर मैंने खेतों को पानी नहीं दिया तो बहुत बड़ी मुसीबत हो जाएगी। लगता है आपकी सांस आने वाली है। उनसे बड़ी मुसीबत और क्या हो सकती है? सही पकडे है। महल में बादशाह की सांसें अटकी हुई है। जल्दी चलिए वरना देर हो जाएगी। क्या? यह तो ऐसे हुआ मानो आगे कुआं तो पीछे खाई। पर अब क्या करूं? चलो भाई। जैसे ही बीरबल दरबार पहुंचे तो यह देख चौंक गए कि बादशाह तो चुस्त दुरुस्त है। अंगूर खा रहे हैं तो फिर और क्या मुसीबत हो सकती है। महाराज की जय हो बताइए। महाराज, आपने इस वक्त मुझे अचानक क्यों याद किया? वो दरअसल किसी नजर अंदाजी के कारण तुम्हें काल कोठरी में जाना होगा। बीरबल यह सुन थोड़े अचंभित हुए। वो सोचने लगे कि कहीं उनकी पत्नी ने उनकी चुगली अकबर से तो नहीं कर दी और इस वजह से उन्हें सजा देने वाले थे। पर मैं खेतों में पानी डालने ही वाला था। महाराज! आपकी कसम। 

यह क्या कह रहे हो? हम तो तुम्हें काल कोठरी में बस कैदियों के निरीक्षण के लिए भेज रहे हैं। पता नहीं कैसे, पर हमें पता चला है कि वहां से कुछ कैदी फरार हो चुके हैं। ओह, यह तो बहुत गंभीर समस्या है। मैं अभी जाकर देखता हूं कि क्या गड़बड़ है। जैसे ही बीरबल काल कोठरी के बाहर पहुंचे, उन्हें भीतर से कुछ आवाजें सुनाई दी। उन्होंने छुपकर भीतर देखा तो वहां दिखे दो कैदी डाकू भोंदू और ढूँढो जो जेलर साहब से कुछ आग्रह कर रहे थे। बस कैसे भी कर आप हमें यहां से बाहर निकाल दीजिए जेलर साहब, फिर देखिए आपकी कैसी चांदी हो जाती है। धीरे बोलो, यहां दीवारों के भी कान होते हैं। और चांदी का मैं क्या करूंगा? मुझे तो चाहिए ढेर सारा सोना। अगर वह मुझे तुम लाकर दे सकते हो तो समझो तुम्हारी यहां से छुट्टी पक्की। पर हम इतना सोना लाए कहां से? पकड़े जाने के बाद हमारा लूटा हुआ सारा सोना तो जप्त हो गया और कुछ तो। बादशाह ने उसे बीरबल को बख्शीश के तौर पर दे दिया। वह मैं कुछ नहीं जानता। चाहिए तो आज की रात के लिए मैं तुम्हें रिहा करता हूं। उसके बाद भले तुम चोरी करो या डाका डालो। अगर यहां से निकलना है तो मुझे कल सवेरे तक एक बक्सा भर सोना ला दो।

यह कहकर जेलर वहां से जाने के लिए निकले बीरबल तुरंत दीवार के पीछे जा छुप गए और जैसे ही जेलर वहां से निकले बीरबल दोबारा जासूसी करने लगे। अरे सुनो! मेरे पास एक योजना है। देखो अब महल से सोना चुराना तो संभव नहीं और। किसी और के घर में कितना सोना है वो भी हमें पता नहीं। तो क्यों न हम बीरबल के घर से हमारे सोने के साथ साथ उसका भी चुरा लें। अरे वाह! यह तो बढ़िया योजना है। चुराए हुए सोने से आधा जेलर को दे देंगे और आधे से हम एक अंधे पांव की गाड़ी डालेंगे और जिंदगी की नई शुरुआत करेंगे। और फिर जैसे ही रात के अंधेरे ने धरती को अपनी आगोश में लिया, बीरबल अपने घर लौटे जहां उनकी पत्नी काफी क्रोधित नजर आ रही थी। क्यों खेतों में पानी डाला या नहीं? बीरबल उसका जवाब देने ही वाले थे कि तभी उन्हें किसी के आने की आवाज सुनाई दी। उन्होंने खिड़की के बाहर देखा तो दो लोग कंबल ओढ़े उनके घर के यहां आ रहे थे। बीरबल समझ गए कि यह और कोई नहीं बल्कि भोंदू और ढूँढो ही है। फिर बीरबल ने ऊंचे स्वर में अपनी पत्नी से कहा, अरे भाग्यवान! तुम क्या चुल्लू भर पानी की बात कर रही हो? मैं अभी बाबा रणछोड़ दास के पास जा कर आया ह उन्होंने मुझे ऐसा उपाय बताया है कि जिससे नियमित रूप से अपने खेतों में वर्षा होती रहेगी। यह क्या कह रहे हो? सच्ची। हां, हां, बस हमें इतना करना होगा कि घर का सारा सोना एक पेटी में डाल कर उसे कुएं में फेंक देना होगा क्या? क्यों? हां। अब तो जल्दी से सारा सोना दे दो। क्या कोई बेवकूफ औरत ही अपना सोना यूं कुएं में डाल देगी? उससे अच्छा मैं तुम्हें ना उसमें धकेल दूं। अरे वो हमेशा के लिए थोडी डालना है। बस कुछ दिनों की तो बात है। फिर कुएं से सारा पानी निकाल कर हम सोना फिर बाहर निकाल लेंगे।

भोंदू और ढूँढो, ये बीरबल तो बहुत बेवकूफ निकला। इसने तो हमारा काम आसान कर दिया। फिर क्या? बीरबल ने पेटी को पानी में डाला और वहां से चले गए। मौका देख दोनों डाकू वहां आए। जब उन्होंने कुएं में झांका तो वो काफी गहरा था। अरे ये तो बहुत गहरा है। हम दोनों को भी तैरना नहीं आता। अब क्या करें? अब क्या ये चरखे से लगे बाल्टी से पानी निकाल देते हैं? और फिर उन दोनों ने पानी को बाहर निकाल कर फेंकना शुरू किया। परंतु पानी इतना गहरा था कि इस कार्य को करते करते सूर्योदय हो गया, जिसके बाद वह उस पेटी को बाहर निकालने में सफल रहे। अरे वाह! आखिर मेहनत रंग लाई। चलो अब इसे खोलकर मालामाल हो जाए और अपनी अंडा पाव की गाड़ी लगाने का सपना पूरा करे। और जैसे ही उन्होंने पेटी खोली तो उसमें से निकले कुछ पत्थर। अरे ये क्या? इसमें तो सोना है ही नहीं। यह कैसे मुमकिन है? और तभी वहां आ पहुंचे बीरबल कुछ सैनिकों के साथ, जिन्हें देख दोनों डाकू घबरा गए। वैसे ही मुमकिन है जैसे तुम दोनों का काल कोठरी से एक रात के लिए बाहर आना। मैंने तुम दोनों की सारी बातें सुन ली थी। हमें माफ कर दो बीरबल। हमसे गलती हो गई। हां बीरबल, हम तो इन पैसों से अंडा पाव की गाड़ी खोलकर एक ईमानदारी की जिंदगी बिताना चाहते थे। हमें सच में अपने किए पर पछतावा है। बीरबल ने इस पर विचार किया और बोले। अगर ऐसी ही बात है तो ठीक है। मैं तुम्हारी ज़िन्दगी संवारने में मदद करूँगा। पर मेरी एक शर्त है। तुम्हें उस जेलर की करतूतों के खिलाफ सरकारी गवाह बनना होगा। हमें मंजूर है, मंजूर है। बढ़िया कोई सवाल? हाँ, एक सवाल है। जब आपने हमारी बात सुन ली थी तो हमें उसी वक्त क्यों नहीं पकड़ा? हमसे यह कुआं खाली करवाने की क्या जरूरत थी? बीरबल और तभी वहाँ उर्वशी आ गई। सुनो जी, खेत में पानी डाला या नहीं? या बुलाओ अम्मा को। बीरबल मुस्कुराए और बोले। भाग्यवान! पानी डाल दिया है, खुद ही देख लो। यह देख सारे लोग हंस पड़े। और हमने यह सीखा कि हर इंसान को सुधार का दूसरा अवसर मिलना चाहिए।

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